Rahul Gandhi की सदस्यता न्यायालय के फैसले के आधार पर रद्द हुई ना की राजनीतिक आधार पर : Prem Kumar Dhumal

हमीरपुर (कपिल) : वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म होने के मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा मचाए जा रहे हो हल्ले पर प्रतिक्रि या देते हुए शुक्रवार को कहा कि देश के संविधान और कानून से ऊपर कोई भी नहीं है। चाहे वह कोई भी.

हमीरपुर (कपिल) : वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म होने के मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा मचाए जा रहे हो हल्ले पर प्रतिक्रि या देते हुए शुक्रवार को कहा कि देश के संविधान और कानून से ऊपर कोई भी नहीं है। चाहे वह कोई भी क्यों न हो। न्यायालय का निर्णय सर्वमान्य है और कानून के आधार पर लोकसभा से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द हुई है न की राजनीतिक आधार पर। कांग्रेस पार्टी को इसपर व्यर्थ में होहल्ला और शोर शराबा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा लोकसभा सचिवालय की कार्यवाही को गलत बोलना उचित नहीं है और न ही न्यायसंगत है। लोकसभा सचिवालय की कार्यवाही पर कांग्रेस पार्टी के कानूनविद नेताओं द्वारा प्रश्न उठाना समझ से बाहर है।

धूमल ने कहा कि जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के अनुसार बिल्कुल स्पष्ट है कि यदि किसी जनप्रतिनिधि को 2 वर्ष या उससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। हालांकि तब जनप्रतिनिधि अपील करने अगले कोर्ट में जाते थे और उनकी सदस्यता रदद् नहीं होती थी। लेकिन वर्ष 2013 में लिली थॉमस वर्सेस भारत सरकार केस में सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून में बदलाव करते हुए कहा कि 2 वर्ष या उससे अधिक की सजा होने पर तत्काल प्रभाव से जनप्रतिनिधि चाहे विधायक हो चाहे वह सांसद हो, की सदस्यता खत्म हो जाएगी भले ही वह अपील के लिए बडे कोर्ट में जाते रहें। उस वक्त यूपीए की सरकार देश में थी और मनमनोहन सिंह तत्कालीन प्रधानमंत्नी। मनमोहन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को बदलने के लिए एक अध्यादेश लाया था कि किसी भी जनप्रतिनिधि को 5 वर्ष या उससे अधिक की सजा होगी तभी उसकी सदस्यता रद्द होगी लेकिन तब राहुल गांधी ने उस अध्यादेश को बकवास बताते हुए सरेआम उसकी कॉपी फाड़ दी थी जिसकी बहुत चर्चा भी हुई थी।

इस कानून को लेकर यूपीए सरकार का अध्यादेश लागू नहीं हो पाया और बाद में लालू प्रसाद यादव की सदस्यता गयी फिर आज़म खान की गई और बाद में उनके बेटे की सदस्यता रद्द हुई। इस प्रकार आज तक सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले के आधार पर कई लोकसभा और विधानसभा सदस्यों की सदस्यता जा चुकी है। और सर्वोच्च न्यायालय के उसी फैसले के आधार पर आज कार्रवाई हुई है। राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म हुई है तो इसके ऊपर कांग्रेस पार्टी और उसके अन्य नेताओं को हो हल्ला नहीं करना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी पाया है और उन्हें 2 साल की सजा सुनाई है। जिस पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर कारवाई करते हुए लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द होने की सूचना जारी की है।

- विज्ञापन -

Latest News