ऐसा लगता है कि गहलोत की नेता सोनिया गांधी नहीं, वसुंधरा राजे सिंधिया हैं : Sachin Pilot

जयपुरः कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि गहलोत का रविवार को धौलपुर में दिया गया भाषण यह दर्शाता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं, बल्कि वसुंधरा राजे हैं। पायलट ने गहलोत के उन आरोपों का पुरजोर खंडन किया कि 2020 में उनके.

जयपुरः कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि गहलोत का रविवार को धौलपुर में दिया गया भाषण यह दर्शाता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं, बल्कि वसुंधरा राजे हैं। पायलट ने गहलोत के उन आरोपों का पुरजोर खंडन किया कि 2020 में उनके (गहलोत के) खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से पैसे लिए थे और उन्हें (विधायकों को) भाजपा नेता अमित शाह को पैसे वापस कर देने चाहिए। पायलट ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर 11 मई से अजमेर से जयपुर तक जनसंघर्ष पदयात्र निकालने की भी घोषणा की हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री जिस तरह से आरोप लगा रहे हैं, वह गंभीर राजनीति कदापि नहीं है। पायलट ने यहां अपने सरकारी निवास पर पत्रकारों से कहा, कि ‘मुख्यमंत्री जी का भाषण परसों धौलपुर में हुआ और इससे एक बात और स्पष्ट हो गई है.. उस भाषण को सुनने के बाद मुझे ऐसा लगता है कि माननीय मुख्यमंत्री जी की नेता सोनिया गांधी जी नहीं हैं, बल्कि उनकी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया जी हैं।’’ उन्होंने कहा, कि ‘एक तरफ यह कहा जा रहा है कि हमारी सरकार गिराने का काम भाजपा कर रही थी, वहीं दूसरी तरफ कहा जाता है कि सरकार को बचाने का काम वसुंधरा जी कर रही थीं। इस विरोधाभास को (स्पष्ट रूप से) समझाना चाहिए था। आप (गहलोत) कहना क्या चाह रहे हैं, यह तो स्पष्ट कर देना चाहिए।’’

गहलोत ने रविवार को धौलपुर में कहा था कि उनकी सरकार 2020 के राजनीतिक संकट से बच गई, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक कैलाश मेघवाल ने उनकी (गहलोत की) सरकार गिराने के षडयंत्र का समर्थन नहीं किया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि उस वक्त जिन विधायकों ने भाजपा से जो पैसे लिये थे, उन्हें ये पैसे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लौटा देने चाहिए। पायलट ने यह भी कहा कि अपने (कांग्रेस) नेताओं पर आरोप लगाना गलत है। अपने गुट के विधायक हेमराम चौधरी व अन्य का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों पर आरोप लगाये जा रहे हैं वे 30-40 साल से सार्वजनिक जीवन में हैं। पायलट ने कहा, कि ‘इन सब लोगों पर इस प्रकार के आरोप लगा देना, मैं समझता हूं कि बहुत गलत है और बहुत निंदनीय है और मैं इन बेबुनियाद व झूठे आरोपों को सिरे से नकारता हूं।’’

उन्होंने कहा कि वह खुद और उनके कुछ सहयोगी (विधायक) राज्य के नेतृत्व में बदलाव चाहते थे, इसलिए वे 2020 में दिल्ली गए और पार्टी के सामने अपने विचार रखे, जिसके बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने एक समिति बनाई और इस मुद्दे के समाधान के लिए एक रोडमैप तैयार किया। उल्लेखनीय है कि उस घटनाक्रम के समय पायलट उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे। पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने जुलाई 2020 में गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। यह मामला पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद सुलझा था। इसके बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था।

पायलट ने कहा कि वह खुद पर लगे आरोपों को ढाई साल से सुन रहे थे, लेकिन पार्टी एवं सरकार की छवि काे ध्यान में रखते हुए चुप थे। उन्होंने कहा, कि ‘मुझे बहुत कुछ कहा गया, जैसे- निकम्मा व गद्दार आदि। रविवार को जो आरोप लगाए गए, वह मैं ढाई साल से सुन रहा था, फिर भी हम अपनी पार्टी एवं सरकार की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे।’’

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