श्रीनगर: कश्मीर घाटी में उल-आलम, जिस रात पैगंबर मोहम्मद ने आसमान की यात्रा की थी, गुरुवार को पूरे धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया।
डल झील के तट पर पैगंबर मुहम्मद के पवित्र अवशेष(दाढ़ी का बाल) वाले असर-ए-शरीफ हजरतबल में सबसे बड़ी सभा देखी गई, जहां हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों सहित श्रद्धालुओं ने रात भर चली प्रार्थना ‘‘शाब ख्वानी’’ में हिस्सा लिया, जिसके दौरान बुधवार और गुरुवार की मध्यरात्रि को विशेष प्रार्थना आयोजित की गई।
हजरतबल दरगाह में आज दिन की पहली नमाज अदा किए जाने के तुरंत बाद मौलबी ने इस मौके पर श्रद्धालुओं के सामने‘मो-ए-मुकद्दस’या पैगम्बर मोहम्मद के पवित्र अवशेष प्रदर्शित किए।श्रद्धालुओं को दो दिनों की प्रार्थना के बाद अगले शुक्रवार को पवित्र अवशेष की झलक मिलेगी। बुधवार देर रात अनंतनाग के जेनब साहब सौरा श्रीनगर, घाटी की अन्य दरगाहों और मस्जिदों में भी नमाज अदा की गई।
अधिकारियों ने श्रीनगर स्मार्ट सिटी बसों को भी सेवा में लगाया है जो श्रद्धालुओं को हजरतबल के पवित्र स्थल तक ले जाने के लिए श्रीनगर सहित कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से चलेंगी।अधिकारियों ने हजरतबल दरगाह में श्रद्धालुओं के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। कई राजनीतिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं।