लालकुआं के बंगाली कॉलोनी में अतिक्रमण हटाने का नोटिस चस्पा, स्थानीय लोगों ने किया विरोध

लालकुआं: लालकुआं में एक बार फिर अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस चस्पा किया गया है। रेलवे ने पुलिस और प्रशासन के साथ लालकुआं बंगाली कॉलोनी में जाकर अतिक्रमण हटाने के नोटिस चस्पा करते हुए भूमि की नाप शुरू की। इस दौरान क्षेत्रवासियों ने इस अभियान का भारी विरोध किया। जिसे पुलिस प्रशासन ने बमुश्किल शांत.

लालकुआं: लालकुआं में एक बार फिर अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस चस्पा किया गया है। रेलवे ने पुलिस और प्रशासन के साथ लालकुआं बंगाली कॉलोनी में जाकर अतिक्रमण हटाने के नोटिस चस्पा करते हुए भूमि की नाप शुरू की। इस दौरान क्षेत्रवासियों ने इस अभियान का भारी विरोध किया। जिसे पुलिस प्रशासन ने बमुश्किल शांत कराया। रेलवे ने 7 दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने का अल्टीमेटम भी दिया।

दरअसल, रेलवे द्वारा बंगाली कॉलोनी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होते ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस प्रशासन एवं रेलवे को क्षेत्रवासियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस प्रशासन के साथ रेलवे विभाग की टीम ने बंगाली कॉलोनी क्षेत्र में जाकर नपाई शुरू की।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि स्टेशन के विस्तारीकरण को लेकर दर्जनों पक्के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है। लालकुआं तहसीलदार मनीषा बिष्ट, कोतवाल लालकुआं डीआर वर्मा के साथ सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी-अधिकारी बंगाली कॉलोनी पहुंचे। रेलवे के कर्मचारियों ने जैसे ही वहां बने पक्के मकानों की नपाई तथा नोटिस चस्पा करने की कार्यवाही शुरू की तो कॉलोनीवासियों में हड़कंप मच गया।

आक्रोशित लोग रेलवे अधिकारियों पर बिफर पड़े। उनका कहना था कि 50 से अधिक वर्षों से वह लोग कॉलोनी में निवास कर रहे हैं। रेलवे द्वारा पूर्व में अपनी चारदीवारी बनाकर डिमार्केशन भी कर दिया है, इसके बावजूद पुन: मकानों को तोड़ने की कार्रवाई करना पूरी तरह अनुचित और गैर कानूनी है।

क्षेत्रवासियों ने आरोप लगाया कि जिस भूमि की रेलवे द्वारा नाप की जा रही है, वह रेलवे की है ही नहीं। इस दौरान तहसीलदार मनीषा बिष्ट, कोतवाल डीआर वर्मा, सहायक मंडल इंजीनियर काशीपुर सुबोध थपलियाल, सीनियर सेक्शन इंजीनियर काठगोदाम रोशन लाल जायसवाल, आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक तरुण वर्मा सहित रेलवे के कई अधिकारी मौजूद थे।

रेलवे ने क्षेत्र में नोटिस चस्पा करते हुए एक सप्ताह के भीतर अतिक्रमण हटा लेने का अल्टीमेटम दिया है। स्थानीय निवासियों ने भी चेतावनी दी है कि यदि रेलवे ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की तो स्थानीय लोग भी इसका भारी विरोध करेंगे।

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