नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को भारतीय नौसेना के उन आठ पूर्व कर्मचारियों के परिवारों के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्हें कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। जयशंकर ने इन लोगों को आश्वस्त किया कि सरकार इस मामले को ‘‘सर्वोच्च महत्व’’ देती है और वह उनकी ‘‘चिंताओं एवं दर्द’’ को साझा करती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार उनकी रिहाई के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, कि ‘आज सुबह, कतर में हिरासत में लिए गए आठ भारतीयों के परिजनों से मुलाकात की हैं। इस बात पर जोर दिया कि सरकार मामले को सर्वोच्च महत्व देती है। हम परिजनों की चिंताओं और दर्द को पूरी तरह से साझा करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह रेखांकित किया कि सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास जारी रखेगी। इस संबंध में परिजनों के साथ समन्वय किया जाएगा।’’ निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले इन भारतीय नागरिकों को कथित तौर पर जासूसी के एक मामले में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। न तो कतर के अधिकारियों ने और न ही भारत ने भारतीय नागरिकों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सार्वजनिक किया है।
कतर की अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह इस मामले को ‘‘उच्च महत्व’’ दे रहा है और सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है। भारतीय नौसेना के आठों पूर्व अधिकारियों के खिलाफ इस साल 25 मार्च को आरोप पत्र दायर किए जाने के बाद उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया था।