Delhi में अपने नेताओं को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ Bengal में प्रदर्शन करेगी तृणमूल कांग्रेस

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी सहित अन्य नेताओं को राजधानी दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में धरना देने के दौरान हिरासत में लिए जाने के खिलाफ पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी बुधवार को राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन करेगी। पश्चिम बंगाल को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और अन्य योजनाओं के.

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी सहित अन्य नेताओं को राजधानी दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में धरना देने के दौरान हिरासत में लिए जाने के खिलाफ पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी बुधवार को राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन करेगी। पश्चिम बंगाल को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और अन्य योजनाओं के अंतर्गत धन आवंटन का मुद्दा, केंद्र और राज्य सरकार के बीच नए टकराव का कारण बन रही है।

तृणमूल कांग्रेस के सांसदों व नेताओं ने दो और तीन अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान पार्टी नेताओं को हिरासत में लिया गया। पार्टी ने अपने नेताओं के साथ किए गए व्यवहार को लेकर नाराजगी जताई और कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के ‘तानाशाही रवैये’ के खिलाफ बुधवार को राज्यभर में रैली निकालेगी। पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘‘हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन हमारे नेताओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया और पुलिस द्वारा उन्हें हिरासत में लिया गया।

राज्य के सभी ब्लॉक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह के पुतले फूकें जाएंगे।’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने घटना की निंदा करते हुए इसे ‘लोकतंत्र का काला दिवस’ करार दिया था। अभिषेक बनर्जी ने पार्टी सांसदों, राज्य सरकार में मंत्रियों व समर्थकों और मनरेगा मजदूरों के साथ नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया था। बनर्जी ने महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर दो अक्टूबर को राजघाट पर दो घंटे का धरना भी दिया था लेकिन उन्हें वहां से पुलिस द्वारा हटा दिया गया।

इसके बाद उन्होंने कृषि भवन में ग्रामीण विकास मंत्रालय तक मार्च निकाला, जहां उनकी मुलाकात राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से निर्धारित थी। हालांकि भवन पहुंचने के करीब डेढ़ घंटे बाद तृणमूल नेताओं ने दावा किया कि मंत्री ने उनसे यह कहते हुए मिलने से मना कर दिया कि वह पांच से ज्यादा प्रतिनिधियों से मुलाकात नहीं करेंगी। जिसके बाद अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल नेताओं का एक समूह धरने पर बैठ गया, जो रात नौ बजे तक जारी रहा।

धरना दे रहे नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया और मंत्रालय परिसर खाली करा दिया गया। बाद में नेताओं को छोड़ दिया गया। तृणमूल के विरोध प्रदर्शन की योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि दिल्ली में पार्टी के नाटक को लम्बा खींचने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस सुर्खियों में बने रहने के लिए नाटक कर रही है। दिल्ली में उनका मकसद पूरा हो गया और अब वे राजनीतिक लाभ पाने के लिए बंगाल में यह ड्रामा जारी रखना चाहती है।’’

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