अदालत में आतंकी हवारा को चंडीगढ़ शिफ्ट करने के खिलाफ एटीएफआई प्रमुख शांडिल्य ने की बहस

चंडीगढ़: चंडीगढ़ बुडैल जेल में बब्बर खालसा के आतंकवादी एवं पंजाब के मुख्यमंत्री रहे बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार सिंह हवारा को शिफ्ट नहीं किया गया l दरअसल चंडीगढ़ की जिला अदालत में आतंकी हवारा के खिलाफ चल रहे एक पुराने मामले का ट्रायल चंडीगढ़ में लंबित है जिसके कारण जिला अदालत ने आतंकी जगतार.

चंडीगढ़: चंडीगढ़ बुडैल जेल में बब्बर खालसा के आतंकवादी एवं पंजाब के मुख्यमंत्री रहे बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार सिंह हवारा को शिफ्ट नहीं किया गया l दरअसल चंडीगढ़ की जिला अदालत में आतंकी हवारा के खिलाफ चल रहे एक पुराने मामले का ट्रायल चंडीगढ़ में लंबित है जिसके कारण जिला अदालत ने आतंकी जगतार हवारा को व्यक्तिगत रूप से पेश करने के लिए तिहाड़ जेल अधिकारीयों को आदेश दिए थे और कहा था कि अगर हवारा के खिलाफ कोई दिल्ली में केस लंबित नहीं है तो उसे बुडैल जेल चंडीगढ़ में शिफ्ट किया जाए। इस आदेश के बाद एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने 15 दिसंबर को जिला अदालत में एडिशनल सेशन जज के खिलाफ बतौर इन्फोर्मार एवं इंटरवेनर इस मामले में दखल देने के लिए अर्जी लगाई और कहा कि आतंकवादी हवारा को चंडीगढ़ लाने से अशांति फैलेगी और माहौल खराब होगा और खालिस्तान का प्रचार कर रहे अमृतपाल सिंह और हवारा पंजाब का माहौल मिलकर खराब करेंगे।

जिला अदालत ने शांडिल्य की अर्जी को स्वीकार किया और उन्हें आज अदालत में बहस के लिए बुलाया था। शांडिल्य ने एडिशनल सेशन जज नरेंद्र के समक्ष आज हवारा को चंडीगढ़ शिफ्ट ना करने की बहस की और कहा कि उनकी जनहित याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हवारा समेत अन्य हार्डकोर आतंकवादियों की सुनवाई अदालत में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से करने के आदेश दिए हुए है। जिसके बाद एडिशनल सेशन जज ने शांडिल्य को कहा कि आतंकवादी जगतार सिंह हवारा को अदालत में पेश नहीं किया जा रहा है और अदालत में तिहाड़ जेल के अधिकारीयों ने पत्र भेजा है और लीकित रूप से कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से हवारा को चंडीगढ़ नहीं लाया जायेगा । शांडिल्य की अर्जी को एडिशनल सेशन जज ने पेंडिंग रखा ।

अदालत में बहस के बाद एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने जिला अदालत चड़ीगढ़ के बाहर पत्रकारवार्ता को संबोधित किया और कहा कि हवारा को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही पेश किया जाए। इसके पीछे पंजाब के मौजूदा हालातों को भी उनके द्वारा आधार बनाया गया और शांडिल्य ने कहा हवारा को चंडीगढ़ लाना एक साजिश है और वह इस साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे क्योंकि इससे पहले भी आतंकी हवारा की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से होती थी। वहीँ शांडिल्य ने अहम मांग की और कहा कि बेअंत सिंह क़त्ल मामले में लंबे समय तक जेल में ही स्पेशल कोर्ट लगता था और आतंकी हवारा को चंडीगढ़ और पंजाब की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है और पहले भी वह जेल से फरार हो चुका है।

इसलिए वह हवारा समेत दिल्ली तिहाड़ जेल में अन्य आतंकियों की चंडीगढ़ और पंजाब में पेशी न करवाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे । इससे पहले भी शांडिल्य बेअंत सिंह के हत्यारों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई के लिए और बुडैल जेल ब्रेक मामले में सीबीआई जांच के लिए और जरनैल सिंह भिंडरावाला का पंजाब में बिक रहे साहित्य के खिलाफ हाईकोर्ट में कई जनहित याचिकाएं दायर की चुके हैं जिस पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कई महत्वपूर्ण आदेश पारित किए हुए है। शांडिल्य ने कहा शरीर में खून के अंतिम कतरे तक उनकी आतंकवाद के खिलाफ मुहिम जारी रहेगी ।

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