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पूर्व ED निदेशक निरंजन सिंह बोले- बिक्रम मजीठिया के केस में कस्टडी के दौरान ही होनी चाहिए थी पूछताछ

जालंधर: प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व निदेशक और भोला के साथ-साथ राजा कंदौला के ड्रग रैकेट को एक्सपोज कर विदेशों से हुए लेनदेन की पूरी जांच करने वाले निरंजन सिंह ने कहा है कि बिक्रम सिंह मजीठिया को जो अब नोटिस जारी किया गया है वह गलत नहीं है लेकिन इसमें डिले बहुत है। उन्होंने कहा.

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जालंधर: प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व निदेशक और भोला के साथ-साथ राजा कंदौला के ड्रग रैकेट को एक्सपोज कर विदेशों से हुए लेनदेन की पूरी जांच करने वाले निरंजन सिंह ने कहा है कि बिक्रम सिंह मजीठिया को जो अब नोटिस जारी किया गया है वह गलत नहीं है लेकिन इसमें डिले बहुत है।
उन्होंने कहा कि बिक्रम सिंह मजीठिया से पूछताछ प्रवर्तन निदेशालय को उसी वक्त कर लेनी चाहिए थी जब पंजाब पुलिस ने उन्हें ड्रग्स मामले में जेल में बंद किया था। कस्टडी के दौरान ही कोर्ट से परमिशन लेकर उनकी स्टेटमेंट लेनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि राजा कंदौला और पंजाब पुलिस के पूर्व डीएसपी भोला के ड्रग्स मामले में वह उन्नीस लोगों को कोर्ट से सजा करवा चुके हैं।

ईडी के पूर्व निदेशक ने कहा कि दैनिक सवेरा के साथ एक साक्षात्कार में बड़ी बेबाकी से कहा कि उन्हें जांच के दौरान तरह-तरह की अड़चने खड़ी कर रोकने की कोशिश की गई। लेकिन वह रुके नहीं और अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहे। उन्होंने कहा कि भोला के मामले में उन्होंने साल 2014 में जांच शुरू की थी और कंदौला के ड्रग्स रैकेट में विदेश से हुई लेनदेन की जांच साल 2017 में शुरू की थी। भोला के ड्रग रैकेट में मजीठिया भी नाम आने पर उन्होंने मजीठिया के खिलाफ भी जांच रिपोर्ट तैयार की थी।
लेकिन इसी दौरान उन्हें पदोन्नत कर कोलाकाता में भेज दिया गया।
उन्हें कोर्ट के माध्यम से केस ईडी के अन्य आईओ को ट्रांसफर करवाने के लिए कहा गया। लेकिन कोर्ट से आदेश होने के बाद भी ईडी के अधिकारी आगे किसी जांच अधिकारी को केस ट्रांसफर नहीं कर पाए जिस पर उन्हें कोर्ट में जलील भी होना पड़ा था। इसके बाद कोर्ट ने ईडी के अधिकारियों को आदेश दिए थे कि केस की जांच बेशक कोई अन्य अधिकारी करेगा लेकिन इस केस की सुपरविजन निरंजन सिंह की ही होगी। जांच अधिकारी जांच के बारे में निरंजन सिंह को रिपोर्ट करेगा।
ईडी के पूर्व निदेशक ने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद ईडी ने जांच शुरू नहीं की और न ही इस जांच के बारे में आगे कोई जानकारी उनके साथ साझा की। इसी दौरान उनकी सेवानिवृत्ति हो गई।
उन्होंने कहा कि अब अचानक फिर से प्रवर्तन निदेशालय को जांच की याद आ गई है। उन्होंने कहा कि वह उस बात की पक्षधर हैं कि इस मामले में जांच पूरी होनी चाहिए और य जांच किसी न किसी मुकाम तक पहुंचनी चाहिए। ईडी के पूर्व निदेशक ने कहा कि उन्होंने जो भी जांच की है उसकी रि-इन्वेस्टिगेशन जरूर होनी चाहिए ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने साथ ही इतना जरूर कहा कि जांच में डिले के कारण कई बार कई तथ्य आगे-पीछे हो जाते हैं। जांच शीघ्र ही और एक तय समय के भीतर पूरी चाहिए।

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