चंडीगढ़: पंजाब सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए अगले साल 31 मार्च तक राज्य की नई कृषि नीति तैयार करेगी। कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने आज यहां बताया कि नई कृषि नीति पंजाब की भौगोलिक स्थिति, मिट्टी की सेहत, फसलों और पानी की उपलब्धता को केंद्र में रख कर तैयार की जायेगी, जिसके लिए प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिकों, माहिरों और किसान संगठनों के साथ सलाह-मशविरा किया जा रहा है।
उन्होंने आज पंजाब किसान और कृषि श्रमिक आयोग की तरफ से ‘पंजाब का कृषि विकास माडल-कुछ नीतिगत मुद्दे’ विषय पर करवाई गई किसान गोष्ठी के दौरान कहा कि पिछली सरकारों के ग़ैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण और गलत नीतियों के कारण पंजाब का शुद्ध पानी, शुद्ध हवा और वातावरण और सेहतमंद उपजाऊ भूमि अब दूषित पानी, ज़हरीली हवा और ग़ैर- उपजाऊ भूमि में बदल रही है जिसको साफ़ नीति और नीयत से बदलने की ज़रुरत है।
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि में खादों, रासायनों, नदीन नाशकों और कीटनाशकों के हद से अधिक प्रयोग के कारण लोगों को सेहत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब को पहले वाली स्थिति में लाने के लिए कुदरती कृषि के अपनी आबो-हवा अनुसार काम करने की ज़रुरत है। कृषि जीवन के साथ जुड़ा हुआ मुद्दा है। उन्होंने कोआपरेटिव प्रणाली को आबाद करने की ज़रुरत पर ज़ोर देते हुये कहा कि कृषि को ज़रुरत मुताबिक करने की ज़रुरत है।
धालीवाल ने कृषि में आयी असुरक्षा को दूर करने की ज़रुरत पर ज़ोर देते हुये कहा कि राज्य सरकार कृषि को बचाने की दिशा में सबके सहयोग के साथ आगे बढ़ेगी। कृषि करने के लिए बड़ी मशीनें खरीदने की जगह छोटी मशीनों का सुयोग्य प्रयोग करना चाहिए, जिससे किसानों की आर्थिकता में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा राज्य सरकार कृषि विशेषज्ञों और कृषि वैज्ञानिकों और अनुभवी लोगों की मदद से कृषि क्षेत्र को मज़बूत करने का हर संभव यत्न करेगी। इस मौके पर कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना के उप-कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसल, पंजाब राज किसान और कृषि श्रमिक आयोग के चेयरमैन डॉ सुखपाल सिंह, कृषि विभाग के निदेशक डॉ गुरविन्दर सिंह, डॉ दविन्दर शर्मा, डॉ गुरकंवल सिंह, प्रोफ़ैसर बावा सिंह, प्रिंसिपल सुच्चा सिंह, डॉ कुलदीप सिंह के अलावा श्रमिक किसान यूनियन के नेता रवीन्द्र सिंह और राजिन्दर सिंह और दीप सिंह वाला ने भी संबोधित किया।