पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की बढ़ी सख्ती, जेलों में स्कैनर लगाने को किया टेंडर अलोट

चंडीगढ़: पंजाब सरकार राज्य की जेलों में फुल बॉडी स्कैनर लगाने की तैयारी में है। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब सरकार ने जेलों में फुल बॉडी स्कैनरों के लिए टेंडर फ्लोट कर दिए हैं। पहले फेज में ये स्कैनर पंजाब की 6 जेलों में लगाए जा रहे हैं और इन्हीं जेलों के लिए टेंडर अलोट किए गए हैं।

अलोट किए गए टेंडरों के अनुसार सबसे पहले बॉडी स्कैनर बठिंडा, अमृतसर और कपूरथला की केंद्रीय जेलों, उच्च सुरक्षा जेल नाभा और संगरूर के साथ-साथ श्री मुक्तसर साहिब की जेलों में स्थापित किए जाएंगे। स्कैनर में धातु और गैर-धातु वस्तुओं, हथियार, बम, विस्फोटक, प्लास्टिक विस्फोटक, तरल विस्फोटक, नशीले पदार्थों और मोबाइल, सिम कार्ड, ब्लेड, चाकू, लाइटर आदि जैसी अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं को पूर्ण तरह से पता लगाने में सक्षम होने की मांग रखी गई है।

इतना ही नहीं, शरीर के प्राइवेट पार्ट्स, शरीर के अंदर निगला हुआ, शरीर की सतह पर छिपाया हुआ, कपड़ों या शरीर के अंदर छिपाया हुआ प्रतिबंधित सामान भी इस स्कैनर में सर्च होना चाहिए। टेंडर के अनुसार स्कैनर की आवश्यकताओं में किसी भी प्रकार के प्रतिबंधित पदार्थ (हथियार, इलेक्ट्रॉनिक्स, ड्रग्स) को स्वचालित रूप से पहचानने और हाईलाइट करने की सुविधा भी मांगी गई है।

यह व्यक्ति के जूते के तलवे तक की तस्वीर देने में सक्षम होना चाहिए। इतना ही नहीं, स्कैनर को अल्ट्रा-लो डोज के साथ ट्रांसमिशन एक्स-रे तकनीक का उपयोग करके मानव शरीर के अंदर प्रतिबंधित सामग्री को ‘देखने’ में सक्षम हो। लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू के महीनों बाद भी जांच कमेटी की असफलता पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में सुओ-मोटो लिया था।

सुनवाई के दौरान, पंजाब सरकार ने जनवरी में न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और न्यायमूर्ति कीर्ति सिंह की पीठ को जानकारी दी थी कि राज्य की जेलों में फुल बॉडी स्कैनर लगाने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति की आवश्यकता होगी। केंद्र सरकार के वकील ने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया था कि केंद्र जल्द से जल्द अनुमति देगा।

लंबे समय से लंबित है जैमर स्कैनर लगाने का मुद्दा पंजाब की जेलों में 5G मोबाइल सिग्नल जैमर के साथ फुल बॉडी स्कैनर लगाने का मुद्दा पिछले कई वर्षों से पंजाब सरकार के समक्ष लंबित है। 2018 में तत्कालीन जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जेलों में बॉडी स्कैनर और मोबाइल सिग्नल जैमर लगाने की योजना की घोषणा की थी।

लेकिन इस मामले में कुछ न हुआ। 2022 में भी ये प्रयास दोबारा शुरू हुए, लेकिन फाइलें टेबलों पर ही रहीं। हाईकोर्ट द्वारा जेल में बंद रहने के दौरान किए गए लॉरेंस के इंटरव्यू पर संज्ञान लेने के बाद पंजाब सरकार ने इसमें फुर्ती दिखाई है स्कैनर पांच महीने के भीतर स्थापित होने की संभावना है।

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार स्कैनर मोबाइल और सिम कार्ड सहित जेलों में प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी को रोकने के लिए जांच और संतुलन को बेहतर बनाने में मदद करेंगे। कई मामलों में सामने आ चुका है कि प्रतिबंधित सामान को अक्सर शरीर के प्राइवेट पार्ट्स में छिपाकर जेलों में तस्करी कर लाया जाता है।

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