काशी में दो सेंमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा गंगा का पानी, खतरे का डर

उप्रः काशी में कई दिनों से हो रही लगातार बारिश ने मुसिबत बढ़ा दी है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद से घाटों का संपर्क आपस में टूट गया था। जिससे गंगा का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है। बृहस्पतिवार को जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। पहाड़ों.

उप्रः काशी में कई दिनों से हो रही लगातार बारिश ने मुसिबत बढ़ा दी है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद से घाटों का संपर्क आपस में टूट गया था। जिससे गंगा का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है। बृहस्पतिवार को जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। पहाड़ों पर हो रही बारिश और कई जगहों पर आई बाढ़ इसकी मुख्य वजह बताई जा रही है। इस कारण घाटों पर दबाव बना है। अभी भी घाटों का आपसी संपर्क टूटा है। मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। बृहस्पतिवार को गंगा का जलस्तर 64.76 मीटर रहा। वाराणसी में चेतावनी बिंदु 70.262 और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। पिछले 12 घंटे में 22 सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ा है।

गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही मौसम में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। बृहस्पतिवार को बादलों की आवाजाही के साथ ही नम हवाएं भी चलती रहीं। इस कारण गर्मी से लोगों ने राहत महसूस की। सुबह में कुछ जगहों पर बूंदाबांदी भी हुई। दोपहर में धूप हुई, लेकिन हवा में नमी अधिक होने की वजह से उसका असर कम रहा। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव के अनुसार दो दिन तक मौसम ऐसे ही बने रहने के आसार हैं।

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