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उदास संगीत के बजाय खुशनुमा संगीत बच्चों को देता है सुकून

ड्यूंडी : संगीत भावनाओं की भाषा है जो हमारी भावनाओं को जगाती एवं नियंत्रित करती है। उदाहरण के लिए एक अनुसंधान से पता चला है कि कालेज के विद्यार्थी 37 प्रतिशत समय संगीत सुनते हैं और संगीत सुनने की अवधि का 64 प्रतिशत समय उनकी खुशी, उत्साह, या पुरानी यादों से भरा होता है। वयस्कों.

ड्यूंडी : संगीत भावनाओं की भाषा है जो हमारी भावनाओं को जगाती एवं नियंत्रित करती है। उदाहरण के लिए एक अनुसंधान से पता चला है कि कालेज के विद्यार्थी 37 प्रतिशत समय संगीत सुनते हैं और संगीत सुनने की अवधि का 64 प्रतिशत समय उनकी खुशी, उत्साह, या पुरानी यादों से भरा होता है। वयस्कों के मुकाबले बच्चों का संपर्क संगीत से अधिक होता है। सव्रेक्षण से पता चलता है कि दक्षिण कोरिया में 54 प्रतिशत शिक्षक स्कूलों में पढ़ाई के दौरान नेपथ्य में संगीत का इस्तेमाल करते हैं। हम यह भी जानते हैं कि अमरीका की कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाई में मदद करने के लिए प्रति घंटे औसतन 6.5 बार संगीत बजाया जाता है, लेकिन बच्चे कैसे शुरुआत में ही संगीत की समझ व उसकी प्रशंसा करने के गुण विकसित कर लेते हैं? साइकोलॉजिकल स्टडीज में प्रकाशित हमारे नवीनतम अध्ययन से जानकारी मिलती है कि नवजात भी संगीत की समझ रखता है और अच्छे संगीत से उसे सुकून मिलता है।

यह स्तब्ध करने वाला हो सकता है क्योंकि हम कब और कैसे संगीत की समझ रखते हैं उसमें अंतत: संस्कृति अहम भूमिका निभाती है, यह वह चीज है जिसका अध्ययन हम करते हैं। उदाहरण के लिए नर्सरी स्कूल जाने वाले बच्चे अकसर खुशी और गम वाले संगीत से तस्वीरों का जोड़ा बनाने में अक्षम होते हैं। यह क्षमता बचपन के उत्तरार्ध में विकसित होती है। लंबे समय से अस्पष्ट था कि क्या नवजात या छोटे बच्चे संगीत की भावना महसूस करते हैं, लेकिन हम जानते हैं कि नवजात बच्चे संगीत के पहलुओं पर प्रतिक्रिया करते हैं, जैसे कि इसकी ताल, संरचना के साथ-साथ तालबद्ध संगीत और बेसुरा संगीत। छोटे बच्चे बचकानी बोली को पसंद करते हैं जो बहुत ही संगीतमय, मिठास लिए हुए और हल्की आवाज में होती है। अकसर वयस्क बच्चों से बातचीत करने के दौरान इन बातों का ध्यान रखते हैं। यहां तक कि जो बच्चे बहरे मातापिता की संतान होते हैं और सुन सकते हैं, वे भी बचकानी बोली में गाने पर ध्यान देते हैं।

भ्रूण भी संगीत के प्रति प्रतिक्रिया करते हैं..

कुछ अनुसंधानों में संकेत मिले हैं कि भ्रूण भी संगीत के प्रति प्रतिक्रिया करते हैं। एक अध्ययन में पता चला कि जब 28 सप्ताह की गर्भवती महिला अपना पसंदीदा गाना सुनती है तो उसके गर्भ में पल रहे भ्रूण की दिल की धड़कने भी तेज हो जाती है जबकि महिला के दिल के धड़कनों में कोई बदलाव नहीं आता है। हालांकिस, अन्य अध्ययनों में भ्रूण में इस तरह की प्रतिक्रिया की जानकारी नहीं मिली। अकसर संगीत का इस्तेमाल नवजात देखरेख इकाई में रखे समयपूर्व प्रसव से जन्मे शिशु की मदद के लिए किया जाता है, लेकिन गहन देखरेख इकाई में भर्ती नवजातों पर किए गए 10 गहन अध्ययनों में से केवल आधे में ही संगीत के प्रति व्यवहार में बदलाव देखने को मिला, जिनमें बच्चों के रोने, तनाव या दर्द की कमी आदि शामिल है। आधे अध्ययन में हृदय गति या रक्तचाप में कुछ बदलाव देखने को मिला। बहुत कम अध्ययन यह पता लगाने के लिए किए गए हैं कि स्वस्थ्य जन्मे बच्चे संगीत के प्रति कैसी प्रतिक्रिया करते हैं और संगीत के प्रति उनकी भावना जानने के लिए कोई अध्ययन नहीं किया गया है।

संगीत कैसे करता है प्रभावित

हमारी टीम ने देखा कि संगीत कैसे समय पर हुए नवजात बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। पहले हम संगीत का चुनाव करना चाहते थे जिनमें से एक खुशी प्रदान करने वाला और दूसरा दुख का भाव उत्पन्न करने वाला। दो प्रयोग किए गए जिसके तहत सैकड़ों लोरी और बच्चों के गानों को एकत्र किया गया, सुना गया । उनमें से 25 का चुनाव किया गया जो खुशी और गम का भाव उत्पन्न करते थे। इनमें से केवल छह गाने अंग्रेजी (सिम्पल सिमॉन, हप्पी डम्पी, आदि) में थे जबकि बाकी अन्य भाषाओं के थे। अनुसंधान में शामिल 16 वयस्कों ने इन 25 गानों को खुशी या गम वाले की श्रेणी में सूचीबद्ध करने में मदद की।

पहला प्रयोग

पहले प्रयोग में हमने इन दोनों गानों को एक शांत समय वाले अंतराल पर क्रमरहित आधार पर 32 नवजात बच्चों के समक्ष बजाया। हमने इसके बाद 20 व्यावहारिक संकेत जैसे रोने, जम्हाई लेने, अंगूठा चूसने, सोने, पैरों की गतिविधि में मिलीसेकेंड में होने वाले बदलाव का वेिषण संगीत बजने और शांति के दौरान किया।

दूसरा प्रयोग

दूसरे प्रयोग में हमने 66 नवजात बच्चों की हृदय गति को दोनों गानों और शांति अवस्था के दौरान रिकॉर्ड किया। सबसे रोचक नतीजा यह आया कि बच्चे खुशनुमा संगीत बजने के दौरान सुकून महसूस कर रहे थे और सोने लगे थे जबकि गम वाले गाने या शांति के दौरान ऐसी प्रतिक्रिया नहीं देखी गई। अनुसंधान के दौरान पाया गया कि खुशनुमा संगीत सुनने के दौरान बच्चों की दिल धड़कने की दर कम हो गई जबकि गम वाले गाने या शांति के दौरान ऐसा नहीं हुआ। यह संकेत देता है कि खुशनुमा संगीत के दौरान वे सुकून महसूस करते हैं।

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