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आज के समय में बढ़ता जा रहा है इंटरनेट एडिक्शन डिसआर्डर, जानें इसके नुकसान

लत लगना आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता फिर चाहे वह किसी भी चीज की क्यों ना हो। यह ठीक है कि आज के स्मार्ट युवक युवतियों की खास जरूरत बन गया है इंटरनेट । लगता है कि अगर इंटरनेट न हो तो जीवन ही ठप्प पड़ जाएगा। क्या आफिस, क्या घर, इंटरनैट यूजर्स.

लत लगना आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता फिर चाहे वह किसी भी चीज की क्यों ना हो। यह ठीक है कि आज के स्मार्ट युवक युवतियों की खास जरूरत बन गया है इंटरनेट । लगता है कि अगर इंटरनेट न हो तो जीवन ही ठप्प पड़ जाएगा। क्या आफिस, क्या घर, इंटरनैट यूजर्स की संख्या आबादी के साथ साथ बढ़ती ही जा रही है। कोई भी जानकारी चाहिए, जवाब के लिए इंटरनैट मौजूद है। एक कंपेनियन की तरह इंटरनैट आप का साथ देता है।

मनोरंजन ऑन लाइन, शॉपिंग, सोशल साइट्स पर दोस्ती, चैंटिग, ब्लॉग पर मन का गुबार निकालना या अपने उश्वार प्रगट करना, पढ़ाई का मामला हो या कालेज अपडेट करना हो- इंटरनैट एक बढ़िया साधन है लेकिन इंटरनैट एडिक्ट बन जाना आपको मानसिक रूप से बीमार कर सकता है यानी कि आप इंटरनैट एडिक्शन डिसआर्डर के मरीज बन सकते हैं। जीवन जीने के लिए एक्टिव रहने के लिए मिला है। अगर हम कुदरत को फालो नहीं करते तो जाहिर सी बात है इसका दुष्प्रभाव भी हमें ही झेलना पड़ेगा।

इस एडिक्शन के चलते लोग घंटों कंप्यूटर के आगे बैठे रहते हैं। इसका सीधा असर आंखों पर पड़ता है। आंखों में सूखापन, उनका लाल होना, तेज सिरदर्द, पीठ, गले, कंधे व गर्दन में जकड़न व लगातार दर्द जैसी समस्याओं से इन्हें जूझना पड़ सकता है। इसके अलावा कुछ अन्य समस्याएं जिनसे इंटरनैट एडिक्ट का सामना होता है, वे हैं-इंटरनैट काम न करे तो व्यक्ति पगला सा जाता है। उसे समझ में नहीं आता कि अब वो क्या करे। आज हम आपको इससे होने वाले नुक़्सानो के बारे में बताएंगे जिसे जान आप बेहद हैरान हो जायेंगे –

– मूड का तेजी से बदलना।

– वक्त की बर्बादी ’

– इंटरनैट पर पोर्नोग्राफी साइट बड़ों को ही नहीं, किशोर और बच्चों को भी बेहद अट्रैक्ट करती है जिसका उन पर गलत असर पड़ता है। ’

– सोशल नैटवर्किंग में व्यस्त लोग आॅनलाइन चैंटिग करते रहते हैं। इसके बाद उन्हें सोशलाइजेशन की जरूरत ही महसूस नहीं होती, न ही उनके सामाजिक तौर से मिलने -मिलाने के लिए वक्त या इच्छा बाकी रहती है।

– इंटरनैट के जरिए हैकर्स गोपनीय दस्तावेजों की चोरी करते हैं। कोई भी कभी भी इनका शिकार बन सकता है।

– कंप्यूटर सक्रीन के कंट्रास्ट और ब्राइटनेस लाउड न रखकर सामान्य रखें। इससे आंखों पर कम जोर पड़ेगा।

– कंप्यूटर के लिए स्पेशल चश्मे आते हैं। उनका इस्तेमाल करने से जहां स्क्र ीन पर देखने में क्लेरिटी आ

– हर आधे घंटे बाद कम से कम आधा मिनट आंखें बंद कर उन्हें आराम दें।

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