रांची: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिरकत की। इस दौरान उन्होनें कहा कि, आज रांची में I CAR- राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान के शताब्दी वर्ष समारोह में पधारीं माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी का हृदय से स्वागत और अभिनंदन करता हूं।
आज रांची में ICAR- राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान के शताब्दी वर्ष समारोह में पधारीं माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी का हृदय से स्वागत और अभिनंदन करता हूं। उनके आगमन से हम सब गौरवान्वित हैं, अत्यंत प्रसन्न और गदगद हैं। pic.twitter.com/PEO0MQnbxW
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 20, 2024
उनके आगमन से हम सब गौरवान्वित हैं, अत्यंत प्रसन्न हैं। ICAR- राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान में अभी लाख की खेती से जुड़े 1500 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हमने तय किया है कि इस साल से 5000 किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वह प्रशिक्षण प्राप्त कर ज्यादा लाभ कमा सकें।
ICAR- राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान में अभी लाख की खेती से जुड़े 1500 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
हमने तय किया है कि इस साल से 5000 किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वह प्रशिक्षण प्राप्त कर ज्यादा लाभ कमा सकें। pic.twitter.com/PrFgrYeEMH
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साथ ही उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में लखपति दीदी योजना के माध्यम से बहनों की सशक्तिकरण का अभियान चलाया जा रहा है। मेरी बहनें भी लाख की खेती कर आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
आदरणीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी के नेतृत्व में लखपति दीदी योजना के माध्यम से बहनों की सशक्तिकरण का अभियान चलाया जा रहा है।
मेरी बहनें भी लाख की खेती कर आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकती हैं। pic.twitter.com/OaBmV4xkeo
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वहीं, हमें फसलों का विविधिकरण यानी पारंपरिक खेती के साथ-साथ दूसरी खेती की तरफ बढ़ना होगा। इस दिशा में लाख की खेती बहुत महत्वपूर्ण है। इस खेती से जुड़े भाई-बहनों और समूहों की आमदनी लाखों में हो रही है, इसमें अनंत संभावनाएं हैं।
हमें फसलों का विविधिकरण यानी पारंपरिक खेती के साथ-साथ दूसरी खेती की तरफ बढ़ना होगा। इस दिशा में लाख की खेती बहुत महत्वपूर्ण है।
इस खेती से जुड़े भाई-बहनों और समूहों की आमदनी लाखों में हो रही है, इसमें अनंत संभावनाएं हैं। pic.twitter.com/OgwAQs5sET
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