नेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। इसके बाद से केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनभोगियों के भत्तों में बढ़ोतरी की संभावना बन गई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी दी थी, और इसके बाद से सरकारी कर्मचारियों के बीच सैलरी बढ़ने की उम्मीद और भी बढ़ गई है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
सैलरी में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है…
सरकारी कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ा सवाल ये है कि उनकी सैलरी कितनी बढ़ेगी। खबरें हैं कि नया वेतन आयोग 2.86 का फिटमेंट फैक्टर सुझा सकता है। अगर यह सिफारिश मंजूर होती है तो केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 186% की बढ़ोतरी हो सकती है।
इस बढ़ोतरी की उम्मीद 2026 तक पूरी होने की संभावना जताई जा रही है।
7वें वेतन आयोग में सैलरी में कितनी बढ़ोतरी हुई थी?
पिछले 7वें वेतन आयोग में भी सैलरी बढ़ाने के लिए सरकार ने एक अध्ययन कराया था। इस अध्ययन में सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की सैलरी की तुलना की गई। भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद को यह अध्ययन करने का जिम्मा सौंपा गया था। अध्यान में यह सामने आया कि सरकारी विभाग में सबसे निचले रैंक के कर्मचारी, जैसे कि जनरल हेल्पर, की सैलरी 22,579 रुपये थी, जबकि निजी क्षेत्र में इसी पद की सैलरी 8,000-9,500 रुपये थी। यानी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी, निजी क्षेत्र के मुकाबले कहीं अधिक थी।
7वें वेतन आयोग में सैलरी बढ़ने का तरीका
इसके बाद, 7वें वेतन आयोग ने फिटमेंट फैक्टर को 2.57 पर तय किया, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी हुई थी। इसके परिणामस्वरूप, केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था। इसके साथ ही, पेंशन को भी बढ़ाकर 9,000 रुपये कर दिया गया था।
नया वेतन आयोग और भविष्य में होने वाली बढ़ोतरी
अब, 8वें वेतन आयोग की मंजूरी से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अधिक भत्ते और सुविधाएं मिल सकती हैं। इसका असर कर्मचारियों की जिंदगी में सुधार लाने के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति में भी बदलाव ला सकता है। इस फैसले से उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय कर्मचारियों को बेहतर वेतन और पेंशन मिलेगा, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होगा।