मुंबई: टाटा कंसल्टेंसी र्सिवसेज (टीसीएस) का मानना है कि चैटजीपीटी जैसे उत्पादक कृत्रिम मेधा (एआई) मंच एआई सहकर्मी के तौर पर काम करेंगे और इनसे नौकरियां कम नहीं होंगी।
देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा प्रदाता कंपनी के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि ऐसे उपकरणों की मदद से उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी लेकिन कंपनियों के व्यापारिक मॉडल में कोई बदलाव नहीं आएगा।टीसीएस में लगभग छह लाख लोग नौकरी करते हैं।
मिलिंद लक्कड़ ने हाल ही में दिए साक्षात्कार में कहा, ह्लयह (उत्पादक एआई) एक सहकर्मी की तरह होगा। यह एक सहकर्मी होगा और उस सहकर्मी को ग्राहक के संदर्भ को समझने में समय लगेगा। उन्होंने समझाते हुए बताया, नौकरी का अर्थ उद्योग केंद्रित या ग्राहक केंद्रित होता है, जो कर्मचारी ही आगे भी करेंगे और इस काम में ऐसे सहकर्मी (उत्पादक एआई) सहायक होंगे।