आजकल की लाइफस्टाइल में कुछ भी खा लेने की आदत शरीर में न्यूट्रिशन की कमी पैदा कर देती है। ये कमी कम उम्र के लोगों को ज्यादा हो रही है। इसका कारण है अनहैल्दी फूड। जिसमे कैल्शियम, विटामिन डी और जरूरी मिनरल्स की कमी होती है। ऐसे में हड्डियों से जुड़ी बीमारियां घेरने लगती है।.
आपकी डाइट और फिटनेस आजकल कि लाइफस्टाईल को काफी हद तक प्रभावित करती है। इसलिए यदि आप शरीर की स्पैशल केयर करते हैं तो ऐसे में बीमारी होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है और वहीं आप लंबे समय तक स्वस्थ भी बने रहते हैं। आजकल कि लाइफस्टाईल एसी हो गई है.
गर्मियों के मौसम में प्यास बुझाने के लिए लोग ठंडा पानी पीना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, जिसे आप प्यास बुझाने के लिए अच्छा मानते हैं, वह आपके पाचन तंत्र पर भारी पड़ सकता है। जी हां, पानी जितना ठंडा होगा, रिजल्ट उतने ही नुक्सानदायक होंगे। आयुर्वेद की मानें तो वह भी.
सामग्री: तेल – 6 बड़े चम्मच हल्दी पाउडर – ½ छोटा चम्मच नमक – स्वाद अनुसार धनिया पाउडर – ½ छोटा चम्मच गरम मसाला- 1 बड़ा चम्मच लस्सन – 5 कलि अदरक- 1 इंच प्याज – 4 टमाटर – 4 आलू – 5 बनाने की विधि 1 सबसे पहले गैस पर कड़ाही को रखें और.
नयी दिल्ली: भारतीय एवं विश्व इतिहास में 06 मई की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:- 1840- दुनिया की पहली गोंद लगी डाक टिकट ‘पेनी ब्लैक’ का ग्रेट ब्रिटेन में इस्तेमाल हुआ। 1857- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल नेटिव इन्फैंटरी की 34वीं रेजिमेंट को भंग किया। 1861- मोतीलाल नेहरू का जन्म। 1910- जॉर्ज पंचम, पिता.
न्यूयॉर्क: गर्भावस्था के दौरान सार्स-सीओवी-2 संक्रमण वाली माताओं से पैदा हुए बच्चों में प्रसव के बाद पहले 12 महीनों में आॅटिज्म स्पैक्ट्रम डिसऑर्डर जैसे न्यूरोडिवैल्पमैंटल विकारों का निदान होने की संभावना अधिक होती है। जेएएमए नैटॉवर्क ओपन में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चला है कि कोविड सकारात्मकता 12 महीने की उम्र में पुरुष बच्चों में.
नई दिल्ली: भारत में 1300 से ज्यादा नमूनों में कोरोना वायरस के स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ का उपस्वरूप ‘एक्सबीबी2.3’ पाया गया है जबकि एक्सबीबी.1.16 प्रकार के ज्यादा मामले सामने आए हैं। ‘इंडियन सार्स-सीओवी-2 जेनोमिक्स कन्सोर्टियम’ (आईएनएसएसीओजी) के आंकड़ों के मुताबिक, 24 राज्यों से लिए गए नमूनों में एक्सबीबी2.3 पाया गया है। इसके मुताबिक, गुजरात में सबसे ज्यादा.
गर्मी में छाछ पीने का मजा ही अलग है। यह ड्रिंक पेट के लिए काफी फायदेमंद होती है, साथ ही कई सारी स्वास्थ्य समस्याओं से राहत देती है। भारत में कई जगह इसे मट्ठा भी कहा जाता है। अधिकतर लोग छाछ में नमक मिलाकर पीना पसंद करते हैं, मगर ये बहुत बड़ी गलती है। छाछ.
प्लास्टिक की स्ट्रॉ का इस्तेमाल आजकल काफी बढ़ गया है। कोल्डड्रिंक, शेक, नारियल पानी और जूस आदि पेय पदार्थ पीने के लिए हम अक्सर प्लास्टिक स्ट्रॉ का इस्तेमाल करते हैं। रंग-बिरंगी स्ट्रॉ का इस्तेमाल करके अपनी ड्रिंक का आनंद लेना ज्यादातर लोगों को पसंद होता है लेकिन क्या आपको पता है इन स्ट्रॉ का इस्तेमाल.