हिमाचल सरकार ने कांगड़ा के 4 मिडिल स्कूलों सहित 48 प्राइमरी पाठशालाओं को किया Denotify

धर्मशाला: हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनाने में अहम योगदान वाले जिला कांगड़ा को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। पहले प्रदेश मंत्रिमंडल में एक ही काबीना मंत्री बनाया गया और अब स्कूल डिनोटिफाई करने के मामले में भी कांगड़ा को बड़ा झटका लगा है। गौर हो कि प्रदेश सरकार ने कॉलेज के बाद.

धर्मशाला: हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनाने में अहम योगदान वाले जिला कांगड़ा को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। पहले प्रदेश मंत्रिमंडल में एक ही काबीना मंत्री बनाया गया और अब स्कूल डिनोटिफाई करने के मामले में भी कांगड़ा को बड़ा झटका लगा है। गौर हो कि प्रदेश सरकार ने कॉलेज के बाद 57 मिडल स्कूल तो 228 प्राइमरी स्कूलों को डिनोटिफाई किया है। अगर बात अकेले कांगड़ा की करें तो जिला कांगड़ा के 52 स्कूलों को डिनोटिफाई किया गया है। इनमें मिडल और प्राइमरी स्कूल शामिल है।

जिला के जिन मिडल स्कूलों को डिनोटिफाई किया गया है, उनमें लंबागांव ब्लॉक के 2, कोटला और नूरपुर के एक-एक स्कूल को डिनोटिफाई किया गया है। राजकीय प्राथमिक स्कूलों की बात करें तो ब्लॉक नगरोटा सूरियां के तीन, कोटला का एक, राजा का तालाब का एक, कांगड़ा के दो, थुरल का एक, जवाली का एक, रैत के चार, नूरपुर के 4, बैजनाथ के 11, रक्कड़ का एक, भवारना ब्लॉक के 2, धीरा का एक, लंबागांव के सात स्कूलों को डिनोटिफाई किया गया है । इसके अलावा विकास खंड पंचरुखी के 2, डाडासीबा के पांच तथा चढियार ब्लॉक के 2 स्कूलों डिनोटिफाई किया गया है। प्रदेश सरकार की ओर से इस बारे में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। बहरहाल प्रदेश सरकार ने स्कूलों को बंद करने का जो भी पैमाना अपनाया हो, लेकिन जिन गांवों को घर-द्वार सुविधा मिलनी थी, उन लोगों में प्रदेश सरकार के प्रति आक्रोश की लहर है।

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