हिमाचल प्रदेश अग्नि सुरक्षा सेवा अधिनियम 1984 को लागू करने के लिए आज तक नियमों को नहीं मिली मंजूरी

शिमलाः हिमाचल प्रदेश में सरकारी और निजी दोनों तरह की अधिकतर इमारतों को दमकल विभाग से अग्नि सुरक्षा के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं मिला है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश अग्नि सुरक्षा सेवा अधिनियम 1984 के क्रियान्वयन के लिए नियमों को आज तक मंजूरी नहीं दी गयी और अधिसूचित नहीं किया गया है। अधिकारियों ने यह.

शिमलाः हिमाचल प्रदेश में सरकारी और निजी दोनों तरह की अधिकतर इमारतों को दमकल विभाग से अग्नि सुरक्षा के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं मिला है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश अग्नि सुरक्षा सेवा अधिनियम 1984 के क्रियान्वयन के लिए नियमों को आज तक मंजूरी नहीं दी गयी और अधिसूचित नहीं किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शिमला में बृहस्पतिवार को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बा‘ रोगी विभाग (ओपीडी) में रसोई गैस सिलेंडर फटने से आग लग गयी थी। इस घटना के बाद अग्नि सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।

सुबह करीब 8:40 बजे घटी घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है और अस्पताल कर्मियों ने करीब 250 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। हालांकि आग लगने से डॉक्टरों के पांच चैंबर, तीन लिफ्ट और कैफेटैरिया को काफी नुकसान हुआ है। केंद्र सरकार ने 2020 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड महामारी के कारण भारी संख्या में रोगियों की आवाजाही को देखते हुए अत्यंत सतर्कता बरतने का सुझाव दिया था।

हालांकि, शिमला के इस अस्पताल के नये ओपीडी ब्लॉक को दमकल विभाग से अभी तक एनओसी नहीं मिली थी। इसका निर्माण 30.90 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 9 मार्च को इसका उद्घाटन किया था। अस्पताल ने अप्रैल 2023 में एनओसी के लिए आवेदन किया था और उसे अभी तक यह मिली नहीं है। संभागीय अग्निशमन अधिकारी संजीव कुमार ने यह जानकारी दी।

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