नई दिल्लीः अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने बुधवार काे संसद में किसानाें की अमदानी का मुद्दा उठाया। उन्हाेंने कहा कि केंद्र सरकार अपने किए वादों को भूल चुकी है और किसानों को लगातार गहरे संकट की ओर धकेल रही है। कृषि मशीनरी और उर्वरक, दवाओं पर जीएसटी में वृद्धि से कृषि लागत मूल्य में कई गुना वृद्धि हुई है, जबकि एमएसपी में मामूली वृद्धि हुई है। पंजाब के किसानों को रौंदने के अलावा अन्य राज्य और केंद्र पंजाब की निजी संस्थाओं, जल निकायों, चंडीगढ़ के हकदार इलाकों पर जबरन अधिकार थोप रहे हैं। यह सब पंजाब और पंजाबियत के बाजूद के खिलाफ है और बहुत बड़ा भेदभाव है।
सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि सरकार को एमएसपी को भी कानूनी अधिकार बनाना चाहिए, जैसा कि किसानों से वादा किया गया था, ताकि किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। पिछले 8 सालों में जहां डीजल की कीमत लगभग दोगुनी हो गई है, वहीं यूरिया जैसे उर्वरकों की कीमत 175 रुपए प्रति 50 किलोग्राम बोरी से बढ़कर 45 किलोग्राम 270 रुपए हो गई है। इसी तरह डीएपी की कीमत 1125 रुपए प्रति बोरी से बढ़ाकर 1350 रुपए कर दी गई है। कीटनाशकों और बीजों पर क्रमश: 18 और 12 प्रतिशत जीएसटी और ट्रैक्टर पर 28 प्रतिशत जीएसटी लग रहा हैं।
उन्हाेंने कहा कि किस तरह पंजाब के साथ भेदभाव किया जा रहा है। राज्य के नदियों का पानी छीनने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि नदी के पानी पर पंजाब का विशेषाधिकार है। चंडीगढ़ पर राज्य की राजधानी के रूप में पंजाब के अधिकार को कम करने के लिए एक भयावह साजिश भी शुरू की गई है।