नई दिल्ली: आयोडीन हमारे जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण तत्व है, जिसकी कमी से मानसिक और शारीरिक विकास प्रभावित हो सकता है। ये एक ऐसा तत्व है, जो हमारी सेहत की नींव मजबूत करता है, भले ही इसकी मौजूदगी हमें दिखाई न दे। आपके शरीर को आयोडीन की जरूरत होती है, लेकिन यह आपके खाने से ही मिलता है। मनुष्य का शरीर खुद इसका निर्माण नहीं कर सकता। इसकी कमी से कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं में। आयोडीन की कमी शरीर में थायराइड हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित करती है, जिससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। गॉयटर एक ऐसी ही बीमारी है; जब शरीर में आयोडीन की मात्र कम हो जाती है, तो थायराइड ग्रंथि सूज जाती है।
आयोडीन की कमी को हाइपोथायरायडिज्म के नाम से जाना जाता है। इस प्रभाव सीधा थायराइड ग्रंथि पर पड़ता है, जिससे मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है और वजन बढ़ने, थकान, ठंड महसूस होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, बच्चों में आयोडीन की कमी से शारीरिक और मानसिक विकास धीमा हो जाता है। गर्भवती महिलाओं में इसकी कमी से भ्रूण का विकास प्रभावित हो सकता है, जिससे बच्चे में बौद्धिक या शारीरिक विकार हो सकते हैं। इतना ही नहीं, गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी होने से गर्भपात, मृत जन्म या शिशु मृत्यु दर बढ़ सकती है।