सिरसा में मांगों को लेकर किसानों का सड़कों पर प्रदर्शन

सिरसा: हरियाणा के सिरसा जिले में भारतीय किसान एकता (बीकेई) के बैनर तले जिलेभर के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर रोष प्रदर्शन किया। सर्वप्रथम किसान शहीद भगत सिंह स्टेडियम में एकत्रित हुए। किसानों ने लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानों व डा. स्वामीनाथन को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। इसके.

सिरसा: हरियाणा के सिरसा जिले में भारतीय किसान एकता (बीकेई) के बैनर तले जिलेभर के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर रोष प्रदर्शन किया। सर्वप्रथम किसान शहीद भगत सिंह स्टेडियम में एकत्रित हुए। किसानों ने लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानों व डा. स्वामीनाथन को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद यहां से प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त सिरसा को मांग पत्र सौंपा।
भारतीय किसान एकता के अध्यक्ष लख¨वदर सिंह औलख ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानी आंदोलन में शहीद हुए सभी किसान शहीदों की कुर्बानी सदा याद रखी जाएगी। लख¨वद्र सिंह औलख ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।

सभी विभाग किसानों को प्रताड़ति कर रहे हैं। रबी 2022-23 में ओलावृष्टि से सिरसा जिले के कई गांवों की गेहूं, जौ, सरसों सहित कई फसलें प्रभावित हुई थी, उनका भी अभी तक बीमा क्लेम जारी नहीं किया गया है। हरियाणा सरकार किसानों से पोर्टल-पोर्टल खेल रही है। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल 28 सितंबर को तीन दिन के लिए खोला गया था, लेकिन पोर्टल में दिक्कत होने की वजह से कोई भी किसान अपनी फसल रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाया। नरमे की फसल गुलाबी सुंडी से बर्बाद हो चुकी है, जिसके चलते किसानों ने अपनी फसल का नुकसान क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करवाना था, लेकिन मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन न होने की वजह से वह भी दर्ज नहीं हो पाएगा। अनाज मंडियों में किसानों की फसल खरीदते समय कटौती के नाम पर लूट हो रही है। प्रशासन कुंभकर्णी नींद सो रहा है। एमआई काडा विभाग ने पानी की डिग्गियों की पेमेंट लंबे समय से रोक रखी है। सोलर सिस्टम के लिए 2 सालों से किसानों ने पैसे भर रखे हैं, उसका भी अभी कोई अता-पता नहीं है।

बिजली विभाग ट्यूबवैलों की सिक्योरिटी बढ़ाकर मीटर के नाम पर किसानों से 8500 लूटने का काम कर रहा है। बीमा कंपनी व बैंक बीमा क्लेम देने की बजाय बीमा प्रीमियम वापस कर रहे हैं। औलख ने बताया कि भारत में वर्ष 2007 में बीटी कॉटन के ट्रायल लगाये गये थे, जोकि 2008-09 में किसानों को बीटी बीज बिजाई के लिए दिया गया था, 16 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी बीटी कॉटन का सुधार नहीं किया गया है। इस बीज पर गुलाबी सुण्डी, सफेद मक्खी, जूं, हरातेला सहित कई तरह के कीटों उत्पन्न हो रहे हैं, जिन्हें रोकने में सरकार विफल रही है। बीटी कॉटन बीज में सुधार करके किसानों को मुहैया करवाया जाए। कीड़ेमार दवाई की कंपनियों का माफिया किसानों को लूटने का कार्य कर रहा है। बहुत सारी विदेशी कंपनियां मनचाहे रेटों पर अपने उत्पाद बेच रही है, फिर भी उनका कोई फसलों पर रिजल्ट नहीं आ रहा है। औलख ने कहा कि बीमा कंपनियों द्वारा किसानों के खातों से बीमा राशि तो काट ली जाती है, लेकिन जब मुआवजा देने की बात आती है तो कंपनी अपने हाथ पीछे खींच लेती है। इसलिए बीमा कंपनियों को सख्त हिदायत दी जाए कि वो समय पर क्लेम की अदायगी करे।
इस मौके पर ऐलनाबाद प्रधान प्रकाश ममेरां, बीकेई प्रदेश महासचिव अंग्रेज सिंह कोटली, विनोद जांदू, महावीर गोदारा, ओढ़ा ब्लॉक प्रधान भरत सिंह गोदारा सहित काफी संख्या में किसान उपस्थित थे।

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