अर्धसैनिक बलों का देश की सुरक्षा में महत्त्वपूर्ण योगदान है इन्हें तुरंत पुरानी पैंशन का लाभ दे सरकार : दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ: सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने देश के सशस्त्र बलों के लाखों जवानों को पुरानी पैंशन योजना का लाभ देने की मांग करते हुए कहा कि ये अर्धसैनिक नहीं पूर्ण सैनिक हैं और देश की सुरक्षा में इनका महत्त्वपूर्ण योगदान है। इन्हें तुरंत सेना की तर्ज पर पुरानी पैंशन योजना का लाभ दिया जाए। सरकार दिल्ली.

चंडीगढ: सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने देश के सशस्त्र बलों के लाखों जवानों को पुरानी पैंशन योजना का लाभ देने की मांग करते हुए कहा कि ये अर्धसैनिक नहीं पूर्ण सैनिक हैं और देश की सुरक्षा में इनका महत्त्वपूर्ण योगदान है। इन्हें तुरंत सेना की तर्ज पर पुरानी पैंशन योजना का लाभ दिया जाए। सरकार दिल्ली हाईकोर्ट के 11 जनवरी, 2023 के आदेश को तुरंत लागू करे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील में सुप्रीम कोर्ट जाकर अर्धसैनिक बलों का मनोबल तोड़ने का काम कर रही है। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील में जाने की बजाय हाईकोर्ट के फैसले की भावना समझते हुए अर्धसैनिक बलों को के दायरे में लाए।

दीपेन्द्र हुड्डा लगातार सड़क से संसद तक अर्धसैनिक बलों के लिए पुरानी पैंशन स्कीम की बहाली की मांग उठाते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला बहुत बड़े आंदोलन और संघर्ष का परिणाम था। आर्म फोर्सेस देश की सुरक्षा करते हैं और उनके भविष्य की सुरक्षा करना सरकार का काम है। पैरामिलिट्री फोर्सेस के लाखों जवानों को इससे अलग रखना अन्याय है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार, हर राज्य में राज्य सरकार के कर्मचारी लंबे समय से नयी पेंशन योजना की बजाय पुरानी पैंशन स्कीम लागू करने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकारों की तर्ज पर देश भर के कर्मचारियों के लिए पुरानी पैंशन योजना लागू की जाए। दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी जोडा कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार आने पर प्रदेश के सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी। ज्ञात हो कि हाल ही में उच्च न्यायालय ने फैसला दिया था कि पैरामिलिट्री फोर्सेस भारत देश के सशस्त्र बल हैं। इनकी भी जिम्मेदारी सरकार की है और इन्हें भी का लाभ दिया जाए। लेकिन, अब हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है

 

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