कभी लापरवाही तो कभी अनजाने में शरीर का कोई हिस्सा जल जाता है। जलने पर तुरंत अस्पताल नहीं जाया जा सकता। अगर जले हुए हिस्से का तुरंत उपचार नहीं किया जाए तो वह आगे चलकर काफी नुक्सान भी पहुंचा सकता है। इसलिए जले हुए भाग का इलाज तुरंत घरेलू नुस्खे अपनाकर करना चाहिए। जलने पर.
आपकी मार्निंग गुड हो, इसके लिए आपको अपने दिन की शुरुआत एक सैट रूटीन के अनुसार करनी चाहिए। हम में से हर कोई चाहता है कि दिन की शुरुआत बढ़िया ढंग से हो, लेकिन जब सवाल हमीं से जुड़ा है तो दिन की बेहतर शुरुआत का पूरा दारोमदार हमीं पर आकर ठहर जाता है। सुबह.
वक्त से पहले समय चक्र से भी आगे निकलने की होड़, अपर्याप्त विश्राम, अनियमित भोजन, आटोमेटाइजेशन अर्थात् हर चीज में स्वयंचालन के प्रवेश से शारीरिक श्रम के ह्रास और अत्यधिक तनाव के भीतर जी रहे लोगों में उन सामान्य शारीरिक और मानसिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है जो हमारी काया को स्वस्थ और स्वाभाविक.
– पड़ोसियों के घरेलू मामलों में स्वयं को न उलझाएं। – बिना मांगे सलाह न दें। कभी-कभी सलाह देना महंगा पड़ता है। – सीमित आना-जाना शोभा देता है। अधिक आना-जाना कभी-कभी दु:खी करता है। – लेन-देन अपनी जेब के अनुसार सीमा में ही करें। – शुभ-काम होने पर या खुशखबरी होने पर खुश होकर बधाई.
वक्त के थपेड़ों के साथ अनुभव की सिलवटें जब चेहरे पर साफ झलकने लगती हैं तब बीते लम्हें यादों के कारवां में चले आते हैं और हमें एहसास दिलाते हैं कि हमने क्या खोया, क्या पाया? उस वक्त हमें खुद से नजरें न चुरानी पड़ें, इसके लिए बेहद जरूरी है कि हम सही वक्त पर.
आज के समय में सिर्फ युवकों में ही नहीं बल्कि युवतियों में भी कार ड्राइविंग का शौक बेतहाशा बढ़ता जा रहा है। युवतियां कार ड्राइव करते हुए अपने कार्यालय, कॉलेज, पिकनिक स्पॉट या सम्बन्धियों से मिलने जाती दिखाई देती हैं। ड्राइविंग करना आज के समय में सिर्फ शौक ही नहीं कहा जाएगा, बल्कि इसे स्वावलंबित.
उदयपुर राजस्थान का ऐतिहासिक शहर तो है ही साथ ही नगर मेवाड़ के गर्वीले राज्य की राजधानी भी है। यहां महाराणा का प्रासाद, युवराज गृह, सरदार भवन एवं जगन्नाथ मंदिर दर्शनीय हैं। इनका प्रतिबिंब पचोला झील में पड़ता है। झील के मध्य में यज्ञ मंदिर एवं जलवास नामक दो जलप्रासाद हैं। उदयपुर को झीलों का.
रोज बदलते बाजार का रुख जानना किसी भी व्यवसाय की प्रगति के लिए बेहद आवश्यक है। बाजार के ट्रैंड के इतर कोई विकास नहीं कर सकता। यही कारण है कि खाद्य पदार्थों, सीरियल और जूते की कंपनी से लेकर सरकारी योजनाओं तक में मार्कीट रिसर्चर की मांग रहती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह क्षेत्र.
नयी दिल्ली: दिल्ली तथा उसके पड़ोसी शहरों में कई अस्पतालों में बाल चिकित्सा ओपीडी में वायरल बुखार तथा लंबे समय तक खांसी की शिकायत लेकर आ रहे मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कुछ डॉक्टरों ने कहा कि पिछले दो सप्ताह से अस्थिर मौसम प्रवृत्तियों के कारण वायरस को फैलने के लिए ‘‘अनुकूल वातावरण’’ मिला.
आवश्यक सामग्री – 1 कप गेंहू का आटा – 1/4 कप बेसन – 1/2 छोटी टीस्पून हल्दी पाउडर – 1/2 छोटी टीस्पून अजवाइन – नमक स्वादानुसार – तेल बनाने की विधि – नाचोज बनाने के लिए एक बर्तन में गेंहू का आटा, बेसन, 1 टेबलस्पून तेल , हल्दी पाउडर, अजवाइन और नमक डालकर मिला लें।.