भिवानी: केंद्र सरकार ने भले ही संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का बिल पास करवा लिया हो, लेकिन इस बिल में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं की भागीदारी पर कोई चर्चा नहीं की गई। जिसके चलते एक बार फिर से पिछड़ा वर्ग को अपने अधिकारों से वंचित होना पड़ा। पिछड़ा वर्ग के लोगों में सरकार के प्रति खासी नाराजगी है और वे विभिन्न तरीकों से रोष जताकर अपनी आवाज केंद्र सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय संरक्षक वामन मेश्राम और राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. विकास पटेल के निर्देशाानुसार चरणबद्ध आंदोलनों की कड़ी में देश भर के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर मांगपत्र सौंपा गया।
इसी के तहत भिवानी में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा और पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा के बैनर तले विभिन्न संगठनों एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों ने चरणबद्ध आंदोलनों की कड़ी में शहर में प्रदर्शन किया और तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति को मांगपत्र सौंपा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि जिसकी जितनी संख्या भारी, उसको उतनी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।इस मौके पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति ने कहा कि एक तरफ तो भाजपा सरकार पिछड़ा वर्ग के उत्थान की बात कहती है, वही अब पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण से वंचित कर पिछड़ा वर्ग से उनके राजनीतिक उत्थान का अवसर छीन लिया।